शब्द और दर्शन एक कवि की अभिव्यक्ति के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी होते हैं। अमित अग्रवाल जी की यह काव्य संग्रह “चटकते कांच-घर” उनके मन की संवेदना का एक दर्पण है। हिंदी में लिपटी उर्दू शायरी की शैली लेकर अमित जी ने कुछ गहरे विचारों से हमारा साक्षात्कार कराया है।
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काव्य संग्रह “चटकते कांच-घर”: एक अवलोकन
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शब्द और दर्शन एक कवि की अभिव्यक्ति के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी होते हैं। अमित अग्रवाल जी की यह काव्य संग्रह “चटकते कांच-घर” उनके मन की संवेदना का एक दर्पण है। हिंदी में लिपटी उर्दू शायरी की शैली लेकर अमित जी ने कुछ गहरे विचारों से हमारा साक्षात्कार कराया है।