यह संवाद श्रीमती मृदुल किर्तिजी के साथ प्रवासी दुनिया वेबसाइट में छपा था | म्रिदुल्जी के उत्तर उनके स्वच्छ और गहरे अंतरतम का परिचय हैं | म्रिदुल्जी का काव्य इश्वरिये प्रसाद है | इतने सारे ग्रंथों को काव्य रूप में अनुवाद करना आसान कार्य नहीं होता, इस लिए उनका सहस और कृतित्व अद्वितीय रहेगा |
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कवयित्री डॉ.मृदुल कीर्ति के साथ एक संवाद
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यह संवाद श्रीमती मृदुल किर्तिजी के साथ प्रवासी दुनिया वेबसाइट में छपा था | म्रिदुल्जी के उत्तर उनके स्वच्छ और गहरे अंतरतम का परिचय हैं | म्रिदुल्जी का काव्य इश्वरिये प्रसाद है | इतने सारे ग्रंथों को काव्य रूप में अनुवाद करना आसान कार्य नहीं होता, इस लिए उनका सहस और कृतित्व अद्वितीय रहेगा |